Henry Ford Success Story In Hindi Biography


Henry Ford Success Story In Hindi Biography

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इतना बड़ा हवाई जहाज जीसे उड़ने के लिए उसे उसी तरफ नही उड़ना पड़ता जिस तरफ हवा बहती है, बल्कि वो हवा के एकदम उल्टा उड़ता है।

एक बात हमेसा याद रखना जब सारी दुनिया आप के खेलाफ बोले तो समझ ले कि आप कुछ नया कुछ अलग कर रहे है, पर जो आप कर रहे है उससे भटकना मत, ऐसा एक महान आदमी Henry Ford ने बोला था, जो बिल्कुल सही है।

Henry Ford Success Story In Hindi Biography


Henry Ford को इस दुनिया के अंदर गाडियो का जनक भी माना जाता है।

Henry Ford को ऐसे ही इतनी बड़ी Success नही मिली बल्कि इसके पीछे इनकी मेहनत और परेशानियों का सामना करना पड़ा था जो सायद आप सुनकरके विस्वास न करे।


Henry Ford

Henry Ford का जन्म 30 जुलाई सन 1863 में अमेरिका (USA) के GreenField नामक जगह पर हुआ था।

उनके पिता विलियम फोर्ड बहोत गरीब घर से बिलाग करते थे, पेसे वो किसान थे।


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Henry Ford जब छोटे थे तो उनका खेलौना गुड्डी गुड़िया नही था बल्कि वो हैमर, स्क्रू, रिंच यानी लोहे का औजार हुआ करता था, इनकी पढ़ाई पास ही के एक गाँव मे हुई, पर पैसे ना होने की वजह से उनको पढ़ाई बीच मे ही छोड़नी पड़ी, इनके पिता ये चाहते थे कि Henry Ford बड़े होकर खेती को समाले उनका साथ दे पर वो ऐसा नही किये, कीउकी उनकी सोच बिल्कुल अलग थी और उनका मन भी खेती में कभी नही लगा इस वजह से वो गाँव छोड़कर चले गये।

Henry Ford जैसे-जैसे बड़े हुए उनके दिमाग मे बस एक ही चीज थी कि बिना घोड़ो की कैसे गाड़िया बनाई जाये, वो रात-रात भर जग-जग कर नया-नया एक्सपेरिमेंट करते थे।

ऐसा भी नही था कि उस समय गाड़िया नही थी, थी पर इतनी महंगी हुआ करती थी कि उसे बस बड़े आदमी ही खरीद सकते थे आम आदमी की बात ही छोड़ो।


Henry Ford जब गाँव छोड़कर चले गये।

जब Henry Ford अपना गाँव छोड़कर गये थे तब उनकी उम्र महज 16 से 17 साल थी, और जहाँ वो गये थे वो जगह डेट्राइट थी।

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डेट्राइट में Henry Ford को स्टीम इंजन के एक कंपनी में काम मिला, वो बताते थे कि उनको उनके हिसाब से वही काम मिला जीसमे उनका मन लगता था, धीरे-धीरे वक्त बीतता गया और वो वहाँ के सीनियर पोस्ट पर जगह मिल गई।

जितना भी उनको पैसा मिलता वो उन पैसों को अपनी कार बनाने के एक्सपेरिमेंट में खत्म कर दिया करते थे।

आम लोगो के मोकाबले में Henry Ford को डबल काम करना पड़ता था, वो पार्ट टाइम जब भी करते थे कीउकी कार के एक्सपेरिमेंट में उनको पैसों  की बहोत कमी पड़ती थी।


Henry Ford की पहली कार।

Henry Ford ने ढेरो एक्सपेरिमेंट करके अपनी पहली कार सन 1896 में बनाई थी, रात के तकरीबन तीन बजे हेनरी उठे और अपनी कार को स्टार्ट करके घर के बाहर चलाने लगे, उस समय बारिस खूब हो रही थी पर Henry Ford की कार में आवाज इतनी थी कि उसे सुनकर आस पास के लोग उठकर उसे देखने चले आये और जब देखा तो लोग देखते ही रह गये।


Henry Ford की कंपनी Detroit Automobile

Henry Ford ने कुछ दिन बाद उस कार को बेचकर और उसमे कुछ पैसे लगा कर के अपनी खुद की एक कंपनी खोल ली जिसका नाम उन्होंने Detroit Automobile रखा।

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इस कंपनी ने 25 से ज्येदा कार बना करके बेचा भी पर पैसे ना होने की वजह से Henry Ford को इस कंपनी को बंद करना पड़ा।

इसके बाद Henry Ford ने 30 नवंबर 1901 को अपने कुछ अमीर दोस्तो के साथ मिलकर एक नई कंपनी खोली जिसका नाम उन्होंने Henry Ford रखा पर वो भी ज्येदा दिन तक नही चल पाई।

दरसल इस कंपनी का ना चलने का सबसे बड़ी वजह Henry Ford के दोस्त थे, वो चाहते थे की केवल अमीर लोगो को देखते हुए कार बनाई जाये आम लोगो को देखते हुए नही, लेकिन Henry Ford इन बातों से बिल्कुल खिलाफ थे वो चाहते थे कि ऐसी कार बनाये जो हर आदमी बड़े ही आसानी से खरीद ले, और दोनों लोगो का ना विचार मिलने की वजह से इस कंपनी को बंद करना पड़ा।

पर इसके बाद भी Henry Ford रुके नही वो लगातार काम करते रहे, 16 जून 1903 को इन्होंने एक और कंपनी खोली जिसका नाम इन्होंने Ford रखा, पर इनकी कंपनी की गाड़ी को और लोगो तक जानने के लिए रेसिंग ट्रैक पर उतारा जिसका मॉडल Ford-999 था, Henry Ford की ये Racing कार उस समय की सबसे बड़ी रेस जीत कर रिकार्ड ही बना दिया और यही से Henry Ford की गाडियो को लोग जानने लगे।

फिर क्या था Henry Ford ने इसके बाद हजारो लाखो गाड़िया बना-बना कर लोगो तक पहुँचाया उसे बेचा और बहोत सारा पैसा Earn किया।

7 April 1947 को Henry Ford ने इस दुनिया को अलविदा बोल दिया।


Rejult

तो ये थी Henry Ford की कहानी जिनका सुरु से ही ये मानना था कि ऐसी कार को बनाऊँ जीसे हर आदमी बड़े आसानी से खरीद सके उसे पूरा भी किया, पहले परेशानिया बहोत आई पर कभी घबडाए नही, जो सपना था उसे पूरा किया।


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