Volkswagen's Success Story in Hindi


Volkswagen's Success Story in Hindi

Volkswagen's दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी Automobile कंपनी है, पर ये मोकाम पाने के लिए इस कंपनी ने कितनी मेहनत की है कैसे की है वो आज हम आप को बारीकी से बतायेगे।

जितनी designing वाली कार होती है जो बहोत ही ज्येदा खूबसूरत होती है वो नवजवानों में सबसे ज्येदा पाई जाती है कीउकी अगर जो कम उम्र के लोग होते है और उनसे ये कह दिया जाये कि आप की सबसे पसंदीदा कार कौन सी है तो वो जो भी कार आप को 8 से 10 बतायेगे उनमेसे Volkswagen's होगी ही होगी।

Volkswagen's Success Story in Hindi


Volkswagen's Adolf Hitler से क्या कनेक्शन है वो भी बतायेगे उससे पहले हम ये जान लेते है कि इस कंपनी की सुरुआत कब, कैसे और किसने की थी।


Founder of Dr. Ferdinand Porsche (Volkswagen's)

Dr. Ferdinand Porsche का जन्म सन 1875 में North Bohemia में हुआ था जिसे आज के समय मे Czech Republic के नाम से जाना है।

पिटल पॉर्श इनके पिता का नाम था जो Automobile का काम करते थे, Ferdinand Porsche को बचपन से ही ऑटोमोबाइल और डिजाइनिंग में कुछ ज्येदा ही रुचि थी इस वजह से इन्होंने सिर्फ 19 की ही उम्र में एक कार को डिज़ाइन करके बेच भी दिया था, Ferdinand Porsche की कार उस समय इतना चर्चा में थी कि इन्होंने कई सारे अवार्ड भी जीता।


Volkswagen's के अलावा यहाँ इस Website पर Car Biography से Releted कई सारी जानकारियां दी जाती है, जैसे कि नीचे हुआ है अगर आप Ford कंपनी के बारे में या Rolls Royce के बारे में जानना चाहते है तो नीचे दी हुई link पर जाकर रीड कर सकते है पूरी डिटेलिंग के साथ।

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Porsche के दिमाग एक ऐसी कार का आईडिया आया जब ये जर्मनी जैसे बड़े देशों में महँगी सी महँगी कारे बेची जा रही थी जिसे आम लोग नही खरीद पा रहे थे तब इन्होंने कम से कम पैसे में कार को बनाने को सोची, हालांकि ये आईडिया कई कंपनियों ने पहले ही सोचा था पर Porsche ने सबसे पहले एक कार बना कर 1930 में लांच कर दिया जो उस समय बहोत ही सस्ती थी।

पहले तो ये आईडिया बहोत खराब साबित हुआ कीउकी उस समय प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था पर जैसे ही ये वार खत्म हुआ जर्मनी की हुकूमत Adolf Hitler के पास आई तब सब कुछ बदल गया और वो समय था 1933 का।


Adolf Hitler

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अब बारी आती है Adolf Hitler की जिसका सम्बंध Volkswagen's से था, ये सवाल बहोत लोगो ने किया कि आखिर कार Adolf Hitler के साथ क्या सम्बंध है Volkswagen's का, वो ही बतायेगे आज के दिन सारा डाउट किलियर हो जायेगा।

Volkswagen's Success Story in Hindi


दरसल जब 1933 में Adolf Hitler की सरकार जर्मनी में आई तब उन्होंने Ferdinand Porsche को एक कार बनाने को कहा कि वो एक Volkswagen's बनाये जिसका अर्थ होता है "Peoples Car" जो तकरीबन 100KM/H की रफ्तार से चले और उसमे कम से कम 4 सीट हो और उसकी जो प्राइस हो वो एक आम बाइक के जितनी हो जिसे हर एक नार्मल आदमी खरीदकर अपनी सौक पूरी कर सके, फिर क्या था Adolf Hitler का आदेश पा कर Ferdinand Porsche कार बनाने में लग गये।

Porsche चाहते थे कि दुनिया की सबसे सस्ती कार बनाये जो दिखने में भी अच्छी हो और चलने में भी और रही बात उसके प्राइस की तो वो भी सबसे सस्ती हो और इनके इस काम मे दुनिया के सबसे मशहूर कार डिज़ाइनर Erwin Komenda भी उनकी मदत में लग गये।

दोनों ने मिलकर काफी दिन बाद एक कार बनाई Volkswagen's बीटल जो जर्मनी में बहोत ही ज्येदा लोकप्रिय हुई और इन्होंने अपनी खुद की कंपनी भी खोल ली, 


Volkswagen's Bad time 

अभी ये कंपनी कुछ तरक्की करती उतने में 1939 के दरमियान world war सुरु हो गया जिसमें इस कंपनी का बहोत ही ज्येदा नुकसान हुआ, जितनी भी इस कार कंपनी की फैक्ट्री थी सब बुरी तरह से तहस नहस हो गई, हालत ये हो गई कि इस कंपनी ने अपने पूरे एक साल में 12 से भी ज्येदा गाडियो को नही बना कर बेच पाई जितना आर्डर लिया था लोगो का वो भी पूरा नही कर पाई।

कंपनी को बचाने के लिए Adolf Hitler ने 1944 में आर्मीयो के लिए गाड़ी बनाने को कहा पर जब ये कंपनी अमेरिकन के हाथ से ब्रिटश के हाथ मे आई तब इसको बम से उड़ाने का आदेश दे दिया गया वो इस लिए कीउकी ये कार कंपनी इतनी सस्ती कार बनाती थी जिससे दुसरी जो ऑटोमोबाइल कंपनियां थी उनको बहोत घाटा हो रहा था पर जब उनको ये पता चला कि ये कार कंपनी सिर्फ लोगो के भलाई के लिए काम कर रही कोई उतना मुनाफा नही कमा पा रही तब इसको छोड़ दिता गया।

Volkswagen's एक के बाद एक जबड़ दस्त कार बनाती जा रही थी जिसे लोगो ने खूब पसंद भी किया कीउकी अबतक ये कार 1950 तक कार के साथ-साथ बसे भी बनाने लगी थी और धीरे-धीरे वक्त बीतता गया और आगे चलकर 1971 से 1975 तक Volkswagen's ने 15 करोड़ से भी ज्येदा बीटल कार को मार्किट में बेचकर एक नया वर्ल्ड रिकार्ड बना दिया, उसके बाद से इस कंपनी ने कभी भी अपने पीछे मुड़कर नही देखा।

जैसे-जैसे ये कंपनी आगे बढ़ती गई वो कई जगहों पर अपने हिसाब से पैसों को इन्वेस्ट भी किया जैसे गोल्फ में इस कंपनी ने काफी हद तक पैसे को इन्वेस्ट किया और सक्सेस भी रही।

फिर साल आया 1999 का जब Volkswagen's ने एक ऐसी कार बनाई जो सिर्फ 3 लीटर के पेट्रोल में 100 किलोमीटर तक जाती थी जिसका नाम लिपो-3 TDI मॉडल जो काफी पॉपुलर हुआ फिर से Volkswagen's का।


Volkswagen's Compny

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ये सायद ही कोई उतना जानता होगा कि Volkswagen's कंपनी के अंदर कई सारी और भी नामी गिरामी कंपनीया आती है जिसका नाम है।

Audi

Bugatti

Bentley

Lamborghini

Skoda 

Porsche 


जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां इसके अंदर आती है।

ये सायद ही कोई ऐसा सोचा था कि Volkswagen जो सिर्फ लोगो के लिए इतनी सस्ती कारो को बनाने वाली Automobile कंपनी आज दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी बन जायेगी, इसी लिए बोला जाता है कभी किसी को छोटा नही समझना चाहिए।


Rejult | Motivational Through

Volkswagen's से जो हमे सिख मिली है वो ये की जिंदगी में कभी भी किसी भी छोटे काम को एकदम छोटा नही समझना चाहिए, नही तो क्या पता वो ही छोटा काम जीसे लोग कुछ नही समझ रहे है वो आगे चलकर ब्रांड बन जाये Volkswagen's की तरह, किसी काम को करते हुए उसे ये ना समझे कि इससे कुछ नही हो सकता बल्कि ये सोचना चाहिए जो भी हो रहा है कम से कम वो हो तो रहा है क्या पता आगे चलकर धीरे-धीरे सही होने लगे, और ये सब ना कुछ करने से तो अच्छा ही है।


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