पर क्या आप को ये पता है कि Toyota कंपनी के मालिक ने अपनी इस कंपनी को success होते नही देख पाया था।
ये कंपनी आज के समय मे पूरी दुनिया मे 5 वा स्थान बनाने में कोई कसर नही छोड़ी, और लगातार अच्छी सी अच्छी गाड़िया को बना-बना कर अपने कस्टमर तक समय समय पर पहुँचाती रही।
Volkswagen's Success Story in Hindi
यहाँ आप को ऐसे ही Artical पड़ने को मिलेंगे, Volkswagen पूरी दुनिया के अंदर ऐसी कार manufature करने वाली कंपनी है जो सबसे ज्येदा पैसा कमाती है, ऐसे बहोत सारे फैक्ट है जो आप नही जानते और अगर जानाना चाहते है तो ऊपर दिए हुए link पर जाकर रीड कर ले।एक और नीचे भारत की किंग कार कहे जाने वाली Ambassador है जो एक समय हर भारतीयों के पास हुआ करती थी, और आज एकदम से गायब, वजह नीचे लिखा हुआ है।Ambassador Car Success Story in Hindi
ये बात बहोत कम लोग जानते है कि 2017 में ये कंपनी वर्ल्ड की दूसरे नंबर पर आ गई थी और इस समय ये कंपनी पाँचवे अस्थान पर है, और इस कंपनी ने एक वर्ल्ड रिकार्ड ये बनाया है कि इसने एक ही साल में 10M यानी 10 लाख से भी ज्येदा गाडियो को manufature करके बेच दिया था ऐसा करने वाली ये कंपनी पहली थी और अभी तक इसके रिकार्ड को कोई तोड़ नही पाया।
Toyota Success Story in Hindi _ Motivational Story
Toyota Starting Time
तो सुरु करते है इस कंपनी की कैसे सुरुआत हुई, तो बात है 11 जून सन 1894 की जब Kiichiro Toyoda नाम के एक सक्स का जन्म जापान में हुआ जिनके पिता का नाम sakichi Toyoda था, इन्होंने सन 1924 में एक ऐसा लूम को बनाया था या ये कह ले कि इन्होंने डिज़ाइन किया था जो चलते-चलते उसमे कोई भी खराबी आने पर वो ऑटोमैटिक बंद हो जाया करता था, उनका ये इन्वेंशन उस समय बहोत ही ज्येदा पॉपुलर हुआ।
Kiichiro का बचपन से ही एक सपना था कि वो अपनी खुद की ऑटोमोबाइल कंपनी खोले वो चाहते थे कि जो उनके पिता का लूम था वो उसको ऑटोमोबाइल में कन्वर्ट करदे पर उनके पिता और उनके बडे भाई ऐसा नही चाहते थे कीउकी उनका लूम का बिजनेस काफी ज्येदा अच्छा चल रहा होता है।
इसी तरह धीरे-धीरे वक्त बितते गया और कुछ दिन बाद जब Kiichiro के पिता बूढे हो गये तब उन्होंने अपने बेटे को बोला कर कहा कि तुम अब अपने सपने को पूरा कर सकते हो, अगर तुम ये चाहते हो कि हमारे लूम को तुम अपनी ऑटोमोबाइल में बदलना चाहते हो तो सौक से बदल सकते हो और फिर क्या था Kiichiro ने सन 1933 में अपने पिता के लूम वर्क में अपनी पहली कार सन 1933 से लेकर 1934 के बीच मे एक पैसेंजर कार बनाई जिसका नाम उन्होंने Toyoda A1 रखा।
Toyota Success Story in Hindi _ Motivational Story
अगर आप ने एक बात धेयान दी होगी कि कंपनी का नाम Toyota नही बल्कि Toyoda बोला है वो इस लिए कीउकी इसके पीछे कुछ लॉजिक था जो हम आप को अभी बताते है।
दरसल जो इनके लूम का नाम था वो Toyoda Loom Work था कीउकी Toyoda इनके परिवार का सर नेम हुआ करता था इस वजह से Kiichiro ने भी अपनी कंपनी का नाम Toyoda Automobile रखा था पर सन 1937 में इस कंपनी का नाम Toyota रखा गया वो इस लिए कीउकी इसका नाम लेते वक्त जो वर्ड थे वो साफ तरीके से बाहर नही आ पा रहे थे कुछ और भी फैक्ट थे जो उनके जापानी भासा में कुछ गलत था जिसे इन्होंने बदल दिया।
Kiichiro death
इस कंपनी को जहॉ पहुँचना था जो मोकाम मिलना चाहिए था वो नही मिल पाया हालांकि मेहनत बहोत किये इस वजह से Kiichiro ने सन 1950 में इस कंपनी को रिजाइन दे दिया और अगले दो साल बाद ही उनकी तबियत ज्येदा खराब होने की वजह से उनकी मौत भी हो गई।
Kiichiro के रिजाइन के बाद उनके एक कजिन ने कंपनी को संभाला और उसको internationl लेबल तक पहुँचाया।
Toyota Success Story in Hindi _ Motivational Story
Result
तो कैसी लगी आप को ये Story, और यही वजह है कि इस कंपनी को इतना बड़ी सक्सेस मिलने के बाद Kiichiro को देखने को नही मिला, आप को ये कंपनी कैसी लगी वो हमें कमेन्ट करके बताये।
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